गलतफहमियों की वजह ढूंढते हो;
चलो, छोडो, जाने दो, क्या ढूंढते हो!
जो थी राह खुद भूल जाने के काबिल,
तो क्यूँ तुम सफर के निशाँ ढूंढते हो!
जमाने की बातों में आकर अचानक,
रकीबों में अपना खुदा ढूंढते हो!
मज़े लेंगे सब, साथ कोई न देगा;
बुरे दौर में आशना ढूंढते हो!?
भरोसा है गर, मेरी आँखों में देखो;
ये हर वक़्त क्यूँ आइना ढूंढते हो?
गले से लिपट कर जरा मुस्कुरा दो!
ख़ुशी सामने है, पता ढूंढते हो!?
: हिमल पंड्या
चलो, छोडो, जाने दो, क्या ढूंढते हो!
जो थी राह खुद भूल जाने के काबिल,
तो क्यूँ तुम सफर के निशाँ ढूंढते हो!
जमाने की बातों में आकर अचानक,
रकीबों में अपना खुदा ढूंढते हो!
मज़े लेंगे सब, साथ कोई न देगा;
बुरे दौर में आशना ढूंढते हो!?
भरोसा है गर, मेरी आँखों में देखो;
ये हर वक़्त क्यूँ आइना ढूंढते हो?
गले से लिपट कर जरा मुस्कुरा दो!
ख़ुशी सामने है, पता ढूंढते हो!?
: हिमल पंड्या