कोक वेळा प्यार कर ने जो पछी,
स्वप्ननो शणगार कर ने जो पछी;
एक कोराणे मूकी पीड़ा बधी,
स्हेज हळवो भार कर ने जो पछी;
जिंदगी छे, दर्द एनो भाग छे,
आटलु स्वीकार कर ने जो पछी;
कोण तारुं? कोण मारूं? छोड़ ने-
जातनो विस्तार कर ने जो पछी;
थई शके तो तूं ख़ुशीथी कोइनी,
जिंदगी गुलज़ार कर ने जो पछी;
पीठ पाछळ घा करी कायर न बन!
साव सामे वार कर ने जो पछी;
ओढ़जे बख्तर खुमारीनुं अने,
सत्यने तलवार कर ने जो पछी;
शक्य छे लंका फरी भड़के बळे!
एक दरियो पार कर ने जो पछी;
: हिमल पंड्या "पार्थ"
स्वप्ननो शणगार कर ने जो पछी;
एक कोराणे मूकी पीड़ा बधी,
स्हेज हळवो भार कर ने जो पछी;
जिंदगी छे, दर्द एनो भाग छे,
आटलु स्वीकार कर ने जो पछी;
कोण तारुं? कोण मारूं? छोड़ ने-
जातनो विस्तार कर ने जो पछी;
थई शके तो तूं ख़ुशीथी कोइनी,
जिंदगी गुलज़ार कर ने जो पछी;
पीठ पाछळ घा करी कायर न बन!
साव सामे वार कर ने जो पछी;
ओढ़जे बख्तर खुमारीनुं अने,
सत्यने तलवार कर ने जो पछी;
शक्य छे लंका फरी भड़के बळे!
एक दरियो पार कर ने जो पछी;
: हिमल पंड्या "पार्थ"
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