साव तकलादी हतो, तूटी गयो!
जिंदगीनो आयनो फूटी गयो!
आँखमां उछरी रह्युं वेरान रण;
पांपणे कूवो हतो, डूकी गयो!
श्वास नामेरी हवाने संघरी,
एक परपोटो थयो, फूटी गयो!
केम टकवुं ए मथामणमां ज ए,
जिववानुं स्हेजमां चुकी गयो!
दर्द, पीड़ा, आंसुओ, अवहेलना;
वारसामां केटलु मूकी गयो!
खेप छेल्ली मारवा निकळी पड्यो!
खूब पीडायो हतो, छूटी गयो!
: हिमल पंड्या "पार्थ"
जिंदगीनो आयनो फूटी गयो!
आँखमां उछरी रह्युं वेरान रण;
पांपणे कूवो हतो, डूकी गयो!
श्वास नामेरी हवाने संघरी,
एक परपोटो थयो, फूटी गयो!
केम टकवुं ए मथामणमां ज ए,
जिववानुं स्हेजमां चुकी गयो!
दर्द, पीड़ा, आंसुओ, अवहेलना;
वारसामां केटलु मूकी गयो!
खेप छेल्ली मारवा निकळी पड्यो!
खूब पीडायो हतो, छूटी गयो!
: हिमल पंड्या "पार्थ"
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